चंद्र ग्रहण 2021

field_imag_alt
Date:
19th November 2021, Friday
Time:
Begin at 12:45 PM - End at 04:17 PM

First Contact with the Penumbra - 11:34 AM

First Contact with the Umbra - 12:50 PM Maximum of Lunar Eclipse - 02:33 PM

Last Contact with the Umbra - 04:17 PM Last Contact with the Penumbra - 05:33 PM

Duration of Partial Phase - 03 Hours 26 Mins 44 Secs

Duration of Penumbral Phase - 05 Hours 59 Mins 07 Secs

Magnitude of Lunar Eclipse - 0.97

Magnitude of Penumbral Lunar Eclipse - 2.07

Sutak Begins - Not Applicable

Sutak Ends - Not Applicable

Visible Places:
Much of Europe, much of Asia, Australia, North Africa, West Africa, North America, South America, Pacific Ocean, Atlantic Ocean, Indian Ocean, and the Arctic
Visible Places In India:
Assam, Arunachal Pradesh

 चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व होने के साथ-साथ धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। क्योंकि इसका पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते और मन ही मन अपने ईष्ट देव की अराधना की जाती है। बता दें 19 नवंबर को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। जानिए ये ग्रहण कब, कहां और कैसे देगा दिखाई और किस राशि के जातकों पर इसका सबसे ज्यादा पड़ेगा प्रभाव।

चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के उपाय:

चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव न पड़े इसके लिए ग्रहण के समय मन ही मन अपने ईष्ट देव की अराधना करनी चाहिए।
इस दौरान चंद्र ग्रहण से संबंधित मंत्रों और राहु-केतु से संबंधित मंत्रों को उच्चारण करना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि चंद्र को ग्रहण राहु-केतु के कारण लगता है।
ग्रहण के दौरान हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा, विष्ण सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता आदि का पाठ करना चाहिए।
ग्रहण की समाप्ति के बाद आटा, चावल, चीनी, साबुत उड़द की दाल, काला तिल, काले वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।

ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करना चाहिए जाप:

-तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥

-विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥